written by SHILPI
ये बुरा वक्त भी बीत जायेगा ,
वो अच्छा पल भी आयेगा ,
माना कभी धूप कभी छांंव है जिंदगी ,
उतार - चढाव तो जिंदगी की रीत है..
पर यहॉ जो न फिसले उसी की जीत है !
जीवन तो हंसाता है - रुलाता है,
हर पल को एक सीख बनाता है ,
चाहे कोई कितना भागे इससे..
कोई बच न पाता है!!
राजा हो या रंक हर किसी पर ..
अपना हुक्म चलाता है!!
किसी को देता है सोने की कटोरी मे दूध भात,
किसी को सुखी रोटी को तरसाता है !
किसी की झोली खुशियो से भर देता ..
किसी का दामन एक फूल भी न छू पाता है !
कोई इठलाता अपनी सियासत पर..
कोई अपनी मन की वेदना भी न कह पाता !
ये बुरा वक्त है या बुरी किस्मत ??
या फिर है ये समय चक्र ?
ये समय चक्र भी बीत जायेगा..
पर न जाने कब?????
................शिल्पी
ये बुरा वक्त भी बीत जायेगा ,
वो अच्छा पल भी आयेगा ,
माना कभी धूप कभी छांंव है जिंदगी ,
उतार - चढाव तो जिंदगी की रीत है..
पर यहॉ जो न फिसले उसी की जीत है !
जीवन तो हंसाता है - रुलाता है,
हर पल को एक सीख बनाता है ,
चाहे कोई कितना भागे इससे..
कोई बच न पाता है!!
राजा हो या रंक हर किसी पर ..
अपना हुक्म चलाता है!!
किसी को देता है सोने की कटोरी मे दूध भात,
किसी को सुखी रोटी को तरसाता है !
किसी की झोली खुशियो से भर देता ..
किसी का दामन एक फूल भी न छू पाता है !
कोई इठलाता अपनी सियासत पर..
कोई अपनी मन की वेदना भी न कह पाता !
ये बुरा वक्त है या बुरी किस्मत ??
या फिर है ये समय चक्र ?
ये समय चक्र भी बीत जायेगा..
पर न जाने कब?????
................शिल्पी
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