रविवार, 24 मई 2015

मेरे सपने [Mere Sapane]

पता नही किन सपनो मे जागती हूँ आज- कल !
जैसे लगता है खुद मे ही कुछ टटोलती हूँ आज-कल!!
कुछ पाती हूँ , कुछ पाकर भी नही पाती !
कुछ पाने की चाह मे जागती हूँ आज-कल!!
पर क्या???
चाहती हूँ कुछ, समझ नही पाती!  
उस सपने के पीछे भागती हूँ आज-कल!!
इरादा है जीवन मे कुछ तो कर पाऊंगी!
लक्ष्य के पीछे दूर तक जाऊंगी !!
हमारे अंदर ही कुछ होता है,पर उस तक पहुंच नही पाते!
सपने सच वही होते है,जिसमे आप सो नही पाते !!
बनाना चाहती हूं अपनी एक पहचान ..!
जिसमे सभी करे मुझपे अभिमान!!
लगता है मेरी मंजिल कर रही इंतजार !
खीचती है मुझे सपनो के पार!!
पता नही किन सपनो मे जागती हूँ आज- कल !
जैसे लगता है खुद मे ही कुछ टटोलती हूँ आज-कल!!

SHILPI.......
https://www.facebook.com/silpisandy.gupta




5 टिप्‍पणियां:

sandeep ने कहा…

nice one again

Unknown ने कहा…

Nice one

बेनामी ने कहा…

Superrb..

Unknown ने कहा…

Awsome line

Unknown ने कहा…

Awesome Line